8th Pay Commission:केंद्रीय सरकारी कर्मचारी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पिछले कई सालों से इस आयोग की चर्चा चल रही है, और कर्मचारियों को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें इस संदर्भ में अच्छी खबर मिलेगी। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सरकार की स्थिति
सरकार ने अभी तक इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन आम जनता और कर्मचारी संगठनों के बीच इस पर चर्चाएं जारी हैं। ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि मोदी सरकार जनवरी 2026 तक आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर सकती है। उनका मानना है कि इस समय तक केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी का निर्णय लिया जाएगा।
कर्मचारियों की राय
रेलवे और अन्य सरकारी कर्मचारी इस आशा में हैं कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएगी। यदि ऐसा होता है, तो एक करोड़ से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी और पेंशन में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशन में वृद्धि की आवश्यकता को देखते हुए, विभिन्न यूनियनें भी सरकार से अपनी मांगें पूरी करने का आग्रह कर रही हैं।
सातवां वेतन आयोग
सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन 28 फरवरी 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा किया गया था। इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट 19 नवंबर 2015 को प्रस्तुत की और इसके सुझावों को 1 जनवरी 2016 से प्रभावी कर दिया गया। वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों और लाभों की समीक्षा करना है।
अगली अपेक्षाएं
केंद्र सरकार प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन को संशोधित करने के लिए वेतन आयोग का गठन करती है। इस प्रकार, आठवें वेतन आयोग की संभावित उद्घाटन जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है। यदि कर्मचारी संगठनों की मांगें स्वीकार की जाती हैं, तो सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये और न्यूनतम पेंशन 17,280 रुपये तक हो सकता है।
आठवें वेतन आयोग की आस में केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी वर्तमान तैयारियों और संभावनाओं में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक निर्णय आएगा, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। अब सभी की नजरें सरकार की ओर हैं कि वह कब और किस तरह से इस दिशा में कदम उठाएगी। यह सभी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, जो उनके भविष्य और वित्तीय सुरक्षा के लिए बहुत मायने रखता है।