8th Pay Commission:केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन आयोग एक महत्वपूर्ण विषय है। यह आयोग उनके वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में सुधार लाता है। वर्तमान में, लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारी आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सातवें वेतन आयोग का इतिहास
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी 2014 को सातवें वेतन आयोग का गठन किया था। इसकी रिपोर्ट 19 नवंबर 2015 को प्रस्तुत की गई और यह जनवरी 2016 से लागू हुआ। सरकार आमतौर पर हर 10 वर्ष में नया वेतन आयोग गठित करती है।
आठवें वेतन आयोग की संभावनाएं
हालांकि सरकार ने अभी तक आठवें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन अनुमान है कि यह 2026 की शुरुआत में गठित हो सकता है। कर्मचारी संगठनों ने इसके जल्द गठन की मांग की है।
वेतन आयोग का प्रभाव
नए वेतन आयोग के गठन से कर्मचारियों के वेतन में 25% से 35% तक की वृद्धि हो सकती है। फिटमेंट फैक्टर में 2.57 से 3.8 तक की बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह हो सकता है।
कोविड-19 का प्रभाव और महंगाई
कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। महंगाई दर में वृद्धि हुई है, जिसका सीधा असर कर्मचारियों की क्रय शक्ति पर पड़ा है। यह स्थिति नए वेतन आयोग की आवश्यकता को और बढ़ा देती है।
सरकार को प्रस्ताव
जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने सरकार को एक पत्र लिखा है। उन्होंने नए वेतन आयोग के गठन और वेतन संरचना में संशोधन की मांग की है। उनका तर्क है कि सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है, लेकिन कर्मचारियों के वेतन में उसी अनुपात में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
आठवां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी उम्मीद है। यह उनके वेतन और भत्तों में सुधार ला सकता है, जो बढ़ती महंगाई के समय में बहुत महत्वपूर्ण है। हालांकि इसके गठन की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह कर्मचारियों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। कर्मचारियों को सरकार की ओर से जल्द ही कोई सकारात्मक खबर मिलने की उम्मीद है।