Gold Silver Prices Today:पितृपक्ष की शुरुआत के साथ ही सोने और चांदी के दामों में गिरावट देखी जा रही है। यह एक परंपरागत प्रवृत्ति है, क्योंकि श्राद्ध काल में सोना खरीदना शुभ नहीं माना जाता। इस कारण स्थानीय मांग में कमी आती है, जो कीमतों को प्रभावित करती है।
वर्तमान कीमतें
पिछले कुछ समय में, स्वर्ण की कीमतों में काफी कमी आई है। उच्च कोटि का सोना वर्तमान में करीब 74,400 रुपये प्रति दस ग्राम पर मिल रहा है, जबकि अपेक्षाकृत कम शुद्धता वाला सोना लगभग 68,200 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर बेचा जा रहा है। रजत का प्रचलित मूल्य प्रति किलो तकरीबन 91,000 रुपये के स्तर पर है।
शहर-दर-शहर मूल्य भिन्नता
भारत के विभिन्न महानगरों में सोने के मूल्य में अंतर पाया जाता है। उदाहरणार्थ, राष्ट्रीय राजधानी में 22 कैरेट सोना 68,380 रुपये प्रति दस ग्राम की दर से बिक रहा है, जबकि वाणिज्यिक राजधानी में इसकी कीमत 68,230 रुपये प्रति दस ग्राम है। इसी प्रकार, 24 कैरेट सोने के दाम भी शहर-शहर में भिन्नता रखते हैं।
सोने के बाजार मूल्य को प्रभावित करने वाले तत्व
भारत में सोने की खुदरा कीमत कई कारकों से प्रभावित होती है। इनमें शामिल हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत
2. रुपये की विदेशी मुद्रा दर
3. स्थानीय मांग और आपूर्ति
4. सरकारी नीतियां और कर
5. मौसमी मांग (त्योहार, शादियां आदि)
सोने का सांस्कृतिक महत्व
भारतीय संस्कृति में सोने का विशेष स्थान है। यह न केवल एक मूल्यवान धातु है, बल्कि एक महत्वपूर्ण निवेश माध्यम और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक भी है। शादियों और त्योहारों में सोने के गहनों का विशेष महत्व होता है।
निवेश के रूप में सोना
अनेक लोग सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प मानते हैं। यह मुद्रास्फीति से बचाव प्रदान करता है और आर्थिक अनिश्चितता के समय में मूल्य संरक्षण का काम करता है।
खरीदारों के लिए सुझाव
1. कीमतों की नियमित जांच करें
2. प्रामाणिक विक्रेताओं से ही खरीदें
3. हॉलमार्क वाले गहने ही खरीदें
4. बिल और गारंटी कार्ड अवश्य लें
5. बाजार की स्थिति को समझें और सही समय पर खरीदें
पितृपक्ष के दौरान सोने और चांदी के दामों में गिरावट एक अस्थायी प्रवृत्ति है। त्योहारी सीजन आते ही कीमतों में फिर से उछाल आने की संभावना है। निवेशकों और खरीदारों को बाजार की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए और अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निर्णय लेना चाहिए। सोना भारतीय अर्थव्यवस्था और संस्कृति का एक अभिन्न अंग है, और इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव होते रहना स्वाभाविक है।