Gold Silver Prices Today:सोने और चांदी की कीमतों में हाल ही में देखी गई तेजी ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। आइए इस बदलाव के पीछे के कारणों और इसके प्रभावों को समझें।
बाजार में क्या हुआ बदलाव?
पिछले दो दिनों में घरेलू सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत में लगभग 2,200 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई। इसी तरह, सोने की कीमत भी करीब 600 रुपये बढ़ गई। 6 सितंबर 2024 को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 74,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी 85,800 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी।
कीमतों में वृद्धि के पीछे क्या कारण हैं?
1. बढ़ती मांग: ज्वैलरी विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों की ओर से मांग में वृद्धि देखी गई है।
2. अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव: विदेशी बाजारों में कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी आई है।
3. अमेरिकी अर्थव्यवस्था का प्रभाव: अमेरिकी श्रम बाजार के कमजोर आंकड़ों के कारण डॉलर और बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई, जिसने सोने की कीमतों को प्रभावित किया।
4. राजकीय फैसले: जुलाई माह के अंतिम दिनों में स्वर्ण पर आयात कर घटाया गया, जिसने भारत में सोने की खरीदारी को प्रोत्साहित किया।
वायदा बाजार पर प्रभाव
सोना और चांदी के मूल्य में तेजी फ्यूचर्स मार्केट में भी दिखाई दी। एमसीएक्स पर सोने का अक्टूबर का अनुबंध 72,021 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गया। चांदी का दिसंबर का अनुबंध भी बढ़कर 85,120 रुपये प्रति किलो हो गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का रुख
न्यूयॉर्क के अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखी गई। सोना 2,546.40 डॉलर प्रति औंस और चांदी 29.19 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहे थे।
भविष्य के लिए क्या संकेत हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान रुझान कुछ समय तक जारी रह सकता है। ज्वैलरी खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं की ओर से मजबूत खरीदारी देखी जा रही है। साथ ही, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और सरकारी नीतियां भी कीमतों को प्रभावित करती रहेंगी।
निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
1. बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें।
2. दीर्घकालीन पूंजी निवेश हेतु स्वर्ण एक उत्तम विकल्प साबित हो सकता है।
3. छोटी अवधि में उतार-चढ़ाव की संभावना से सावधान रहें।
4. विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही बड़े निवेश निर्णय लें।
सोने और चांदी की कीमतों में यह उछाल कई कारकों का परिणाम है। यह स्थिति निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। बाजार की गतिविधियों पर नजर रखते हुए सोच-समझकर निर्णय लेना महत्वपूर्ण होगा। आने वाले समय में भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, इसलिए सतर्क रहना और विवेकपूर्ण निर्णय लेना जरूरी है।