Petrol Diesel New Rate:पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्द ही राहत मिल सकती है। CLSA की एक रिपोर्ट के अनुसार, 5 अक्टूबर के बाद इन ईंधनों की कीमतों में कटौती हो सकती है। यह खबर लाखों वाहन चालकों के लिए खुशी की बात हो सकती है।
कटौती के पीछे के कारण
कीमतों में कमी की संभावना कई कारणों से है:
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं।
2. तेल कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है।
3. आने वाले चुनावों को देखते हुए सरकार जनता को राहत देना चाहती है।
कितनी हो सकती है कटौती?
CLSA की रिपोर्ट के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो सकती है। यह कटौती 5 अक्टूबर के बाद किसी भी समय हो सकती है।
वर्तमान कीमतें
वर्तमान में देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
1.दिल्ली: पेट्रोल 94.72 रुपये/लीटर, डीजल 87.62 रुपये/लीटर
2.मुंबई: पेट्रोल 103.44 रुपये/लीटर, डीजल 89.97 रुपये/लीटर
3.कोलकाता: पेट्रोल 104.95 रुपये/लीटर, डीजल 91.76 रुपये/लीटर
4.चेन्नई: पेट्रोल 100.75 रुपये/लीटर, डीजल 92.34 रुपये/लीटर
कीमतों में कटौती का प्रभाव
अगर कीमतों में कटौती होती है, तो इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है:
1. आम लोगों को राहत मिलेगी।
2. वाहन चलाने का खर्च कम होगा।
3. माल ढुलाई सस्ती होगी, जिससे कई चीजों की कीमतें घट सकती हैं।
4. महंगाई पर कुछ हद तक रोक लग सकती है।
5. अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है।
सरकार की भूमिका
केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। CLSA की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार कीमतों में कटौती के साथ-साथ एक्साइज ड्यूटी में भी बढ़ोतरी कर सकती है। वर्तमान में:
1.पेट्रोल पर 19.8 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी
2.डीजल पर 15.8 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी
तेल कंपनियों पर असर
कीमतों में कटौती का असर सरकारी तेल कंपनियों जैसे IOC, BPCL और HPCL पर भी पड़ेगा। इन कंपनियों के मुनाफे में कुछ कमी आ सकती है। लेकिन अगर सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाती है, तो इससे कंपनियों को राहत मिल सकती है।
चुनावों का प्रभाव
महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर सकता है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संभावित कटौती आम लोगों के लिए राहत की बात हो सकती है। हालांकि, यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या फैसला लेती है और कीमतों में कितनी कमी की जाती है। अगर कटौती होती है, तो इससे न केवल वाहन चालकों को, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को फायदा हो सकता है।